इंडियन स्टार्टअप ‘नुनान’ ने ऑडी ई-ट्रॉन की यूज्ड बैटरी से तैयार किया इलेक्ट्रिक रिक्शा, 2023 तक भारत की सड़कों पर आएंगे नजर
संशोधित: जून 16, 2022 12:27 pm | भानु | ऑडी ई-ट्रॉन
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अपनी लाइफ साइकिल पूरी होने के बाद इलेक्ट्रिक कारों से बैटरी को रीसाइकिल करके फिर से उपयोग करने को लेकर अध्ययन करने के लिए, ऑडी ने एक भारतीय नॉन-प्रॉफिट स्टार्टअप 'नुनाम' (ऑडी एनवायरनमेंटल फाउंडेशन द्वारा फाइनेंस की जा रही संस्था) के साथ करार किया है। इस कोलेबोरोशन के तहत तीन इलेक्ट्रिक रिक्शा भी तैयार कर लिए गए हैं जिनमें ऑडी ई-ट्रॉन की यूज्ड बैट्रियों का इस्तेामल किया गया है। भारत में ये इलेक्ट्रिक रिक्शा 2023 तक सड़कों पर नजर आने लगेंगे।
किसके लिए तैयार किए जा रहे हैं ये रिक्शा?
भारतीय स्टार्टअप ने इन तीन प्रोटोटाइप को विकसित करने के लिए जर्मनी में ऑडी की ट्रेनिंग टीम की मदद ली है। टुक टुक नाम से पॉपुलर ये इलेक्ट्रिक रिक्शा खासतौर पर महिलाओं के लिए तैयार किए जाएंगे ताकि उन्हें बाजार से सामान लाने ले जाने में कोई तकलीफ ना हो।
इलेक्ट्रिक रिक्शा में यूज्ड बैट्रियों का क्यूं किया जा रहा है इस्तेमाल?
नुनाम के को फाउंडर प्रोदीप चटर्जी के अनुसार इलेक्ट्रिक कारों को पावर देने के बाद इन यूज्ड बैट्रियों में कुछ पावर बच जाती है और ये काम करने लायक भी होती हैं। ऐसे में उनका मानना है कि ये बैट्रियां इलेक्ट्रिक रिक्शा के काफी काम आ सकती हैं जिन्हें ज्यादा दूरी तय करनी नहीं होती है और उन्हें ज्यादा स्पीड के लिए कोई बहुत ज्यादा पावर की जरूरत भी नहीं पड़ती है, क्योंकि रिक्शा का वजन ज्यादा नहीं होता है।
कैसे तैयार होंगे ये रिक्शा?
ऑडी के ट्रेनियों ने कंबस्शन इंजन से इन रिक्शा में इलेक्ट्रिक पावरट्रेन को रिप्लेस किया है। बैट्रियों को सेट करने के लिए इन रिक्शा की अंडरबॉडी में भी बदलाव किए गए हैं।
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कैसे चार्ज होंगी ये बैट्रियां और कैसे करेगी काम?
सोलर चार्जिंग स्टेशंस से बिजली का उपयोग करके इन ई-रिक्शा को चार्ज किया जाता है। सोलर पैनल यहां के लोकल पार्टनर्स की लोकेशंस पर लगाए गए हैं। ई-ट्रॉन का बैटरी पैक दिन के दौरान एकत्रित हुई इलेक्ट्रिसिटी की बचत करता है और शाम या रात की ट्रिप के दौरान इस पावर का इस्तेमाल किया जाता है। इससे ये इलेक्ट्रिक रिक्शा हमेशा चलता रहता है।
प्रोदीप का कहना है कि नुनाम रीसाइक्लिंग से पहले हर बैटरी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग कर लेना चाहती है। यानी उनका कहना था कि इनसे एलईडी लाइटिंग को भी पावर देने के बारे में विचार किया जा रहा है।
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