देश की राजधानी दिल्ली बनेगी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का सबसे बड़ा हब, सरकार ने उठाए ये अहम कदम

प्रकाशित: दिसंबर 03, 2021 02:03 pm । cardekho

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वायु प्रदूषण पूरे देश में एक खतरा बना हुआ है, लेकिन उत्तर भारत में यह समस्या लगातार बढ़ रही है। वहां हवा इतनी ज्यादा प्रदूषित है कि सभी नागरिकों को राजधानी में सांस की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। जाहिर है यह एक ऐसी समस्या है जिसके लिए लॉन्ग-टर्न सॉल्यूशन की आवश्यकता है। इसलिए दिल्ली सरकार ने राजधानी को देश की ईवी केपिटल में बदलने के लिए दिल्ली इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी 2020 को लागू किया है।

 

इससे नए कार खरीदारों के बीच इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जाएगा। दिल्ली सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों पर 1.5 लाख रुपये तक की छूट दे रही है। यह रजिस्ट्रेशन टैक्स और शुल्कों को माफ करके डील को और भी ज्यादा बेहतर बना रही है।

इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ एक बड़ी समस्या यह है कि इसकी रेंज लिमिटेड होती है और उन्हें चार्ज होने में काफी समय लगता है। इससे निपटने के लिए सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पब्लिक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने पर भी भारी निवेश कर रही है। बता दें कि 19 अक्टूबर 2020 तक दिल्ली में 72 पब्लिक चार्जिंग स्टेशन थे। इनमें से अधिकांश स्टेशन का सही तरह से निर्माण नहीं हुआ और उन्हें चार्जिंग के लिए एप्लिकेशन-बेस्ड ऑथोराइजेशन की भी आवश्यकता है। इससे वाहन को कभी भी चार्ज करना आसान हो जाता है और इससे डिजिटल भुगतान करना भी संभव है।

हालांकि, अधिकतर लोग अपने रोज़ाना के आवागमन में पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ही उपयोग करते हैं। यह एक और एरिया है जहां सरकार सबसे ज्यादा निवेश कर रही है। सरकार ने जनवरी 2022 तक दिल्ली में 300 इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना बनाई है, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण पैदा हुई समस्या की वजह से इस समयसीमा को आगे बढ़ा दिया गया है। इन तीन बसों का पहला बैच चलेगा जिसे इस साल डीटीसी के बेड़े में शामिल किया जाएगा।

दिल्ली इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी 2020 तीन साल तक लागू रहेगी और 2024 तक दिल्ली सरकार चाहती है कि सभी नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन का हिस्सा 25 प्रतिशत बीईवी या बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों का हो। सरकार ने उन लोगों के कंधों से भी बोझ हटा दिया है जिनके पास 10 साल से अधिक पुरानी डीजल कारें हैं। इन पुरानी कारों को इलेक्ट्रिक पावरट्रेन के साथ रेट्रोफिट किया जा सकता है ताकि वे 10 साल की समयसीमा के बाद भी दिल्ली की सड़कों पर चलना जारी रह सकें। ईवी टेक्नोलॉजी को अपनाने से यह सबसे जल्दी ईवी अपनाने वाला राज्य बन जाएगा जिससे यह भारत की ईवी राजधानी भी कहलाएगा।

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