यूनियन बजट 2023: वो तीन घोषणाएं जिनसे ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को होगा फायदा
प्रकाशित: फरवरी 01, 2023 03:57 pm । भानु
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने साल 2023 का बजट पेश कर दिया है। इस बार के बजट में सरकार ने कार्बन उत्सर्जन को कम करने और ग्रीन एनर्जी विकल्पों पर काम करने पर फोकस रखा है, जिससे कई रोजगार के अवसर भी पैदा हो रहे हैं। इस बजट में ऑटोमोटिव सेक्टर के लिए तीन बेहद काम की घोषणाएं हुई है जो इस प्रकार से है:
लीथियम-आयन बैटरियों पर कस्टम ड्यूटी में छूट
इस बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने घोषणा की है कि ईवी बैटरी के लिए लिथियम आयन सेल के निर्माण के लिए आवश्यक सामान और मशीनरी के आयात के लिए सीमा शुल्क छूट बढ़ा दी गई है। इससे देश में ही लिथियम आयन बैट्रियों के उत्पादन और निर्माण को बढ़ावा मिलेगा जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों में भी कमी लाई जा सकेगी। सरकार की ये घोषणा इसलिए भी खास है क्योंकि इस वक्त देश में काफी ऑटो मैन्युफैक्चरर्स कई तरह के इलेक्ट्रिक व्हीकल्स उतार रहे हैं। इससे और भी ज्यादा इलेक्ट्रिक व्हीकल्स लॉन्च किए जाएंगे।
इथेनॉल ब्लैंड के प्रोडक्शन को मिलेगा बढ़ावा
बजट 2023 में डिनेचर्ड एथिल अल्कोहल को बेसिक कस्टम ड्यूटी से छूट दी गई है। डिनेचर्ड अल्कोहल मूल रूप से इथेनॉल ही होता है और इसे वैकल्पिक ईंधन के तौर पर प्रयोग में लिया जा सकता है। कस्टम ड्यूटी में छूट देकर सरकार इथेनॉल के प्रोडक्शन को बढ़ावा देने का इरादा रखती है। बता दें कि केंद्र ने अप्रैल 2023 से सभी कारों में इथेनॉल पर चलने वाले इंजन अनिवार्य कर दिए हैं जबकि 2025 से 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित फ्लैक्स फ्यूल भी उपलब्ध होने लगेंगे।
राज्य एवं केंद्र सरकार के पुराने वाहनों को कबाड़ में किया जाएगा तब्दील
हालांकि इस घोषणा से प्राइवेट कस्टमर्स कुछ खास प्रभावित नहीं होंगे, मगर ये चीज कार मैन्युुफैक्चरर्स के लिए जरूर फायदेमंद साबित होगी। व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी की घोषणा पहले ही की जा चुकी है और अब सरकार ने इसके फायदे भी गिना दिए हैं। वर्तमान में सरकारी वाहनों के बेड़े में आमतौर पर शामिल पुरानी एंबेसडर, जिप्सी, क्वालिस और बोलेरो हैं जिन्हें बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए बंद कर दिया जाएगा और इनकी जगह नए वाहन खरीदे जाएंगे। यहां तक कि पुरानी एंबुलेंस की जगह नई एंबुलेंस भी खरीदी जाएंगी जिनमें ज्यादा फीचर्स भी मिलेंगे।