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डीज़ल बैनः मर्सिडीज़-बेंज़ ने भारत में निवेश पर लगाई रोक

प्रकाशित: मई 19, 2016 04:07 pm । alshaar

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मर्सिडीज़-बेंज़ ने भारत में होने वाले अपने सभी निवेशों पर फिलहाल रोक लगा दी है। कंपनी ने दिल्ली-एनसीआर में 2000 सीसी से ज्यादा क्षमता वाले डीज़ल इंजन वाली कारों की बिक्री पर लगी रोक के मद्देनज़र यह कदम उठाया है। मर्सिडीज़ ने संकेत दिए हैं कि अगर बैन को लेकर रुख साफ नहीं हुआ तो भारत में निवेश को लेकर आगे और कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।

मर्सिडीज़ इंडिया के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर रोलैंड फॉल्गर ने बुधवार को जीएलएस 350डी एसयूवी की लॉन्चिंग के बाद इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 'निवेश के सभी फैसलों को रद्द नहीं किया गया है, निवेश की कुछ योजनाओं को कुछ वक्त के लिए टाला गया है। अगर बैन आगे भी जारी रहता है तो निवेश को रद्द किया जा सकता है। फिलहाल हम एक जिम्मेदार कार कंपनी के मुताबिक ही काम कर रहे हैं और सभी नियमों का पालन कर रहे हैं।'

भारत में कंपनी ने बीते 10 सालों में एक हजार करोड़ रूपए का निवेश किया है। यह निवेश महाराष्ट्र में स्थित चाकण प्लांट में किया गया है। कंपनी ने इस प्लांट की प्रोडक्शन कैपेसिटी को दोगुना करने के लिए 150 करोड़ रूपए के निवेश की घोषणा की थी। लेकिन अब डीज़ल बैन की वजह से इस फैसले पर संशय के बादल छा गए हैं। क्योंकि दिल्ली-एनसीआर लग्ज़री कारों के लिए बड़ा और महत्वपूर्ण बाजार है।

बैन लगने के बाद से मर्सिडीज़ की पॉपुलर डीज़ल कारों की बिक्री में गिरावट आई है। कुछ मर्सिडीज़ कारों को छोड़ दें तो ज्यादातर कारों की इंजन क्षमता 2,143 सीसी से ऊपर है। वहीं मुकाबले में मौजूद ऑडी और बीएमडब्ल्यू के पास कम इंजन क्षमता के विकल्प मौजूद हैं यही वजह है कि इन पर डीज़ल बैन का प्रभाव कम पड़ा है।

डीज़ल बैन से प्रभावित होने वाली मर्सिडीज़ अकेली कंपनी नही है। इसके अलावा टोयोटा भी बैन से जूझ रही है। टोयोटा ने हाल ही में बैन को लेकर तल्ख प्रतिक्रियाएं दी थी। दरअसल डीज़ल बैन की वजह से नई इनोवा क्रिस्टा दिल्ली-एनसीआर में बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं है।  

 

मर्सिडीज़-बेंज़ ने भारत में होने वाले अपने सभी निवेशों पर फिलहाल रोक लगा दी है। कंपनी ने दिल्ली-एनसीआर में 2000 सीसी से ज्यादा क्षमता वाले डीज़ल इंजन वाली कारों की बिक्री पर लगी रोक के मद्देनज़र यह कदम उठाया है। मर्सिडीज़ ने संकेत दिए हैं कि अगर बैन को लेकर रुख साफ नहीं हुआ तो भारत में निवेश को लेकर आगे और कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।

मर्सिडीज़ इंडिया के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर रोलैंड फॉल्गर ने बुधवार को जीएलएस 350डी एसयूवी की लॉन्चिंग के बाद इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 'निवेश के सभी फैसलों को रद्द नहीं किया गया है, निवेश की कुछ योजनाओं को कुछ वक्त के लिए टाला गया है। अगर बैन आगे भी जारी रहता है तो निवेश को रद्द किया जा सकता है। फिलहाल हम एक जिम्मेदार कार कंपनी के मुताबिक ही काम कर रहे हैं और सभी नियमों का पालन कर रहे हैं।'

भारत में कंपनी ने बीते 10 सालों में एक हजार करोड़ रूपए का निवेश किया है। यह निवेश महाराष्ट्र में स्थित चाकण प्लांट में किया गया है। कंपनी ने इस प्लांट की प्रोडक्शन कैपेसिटी को दोगुना करने के लिए 150 करोड़ रूपए के निवेश की घोषणा की थी। लेकिन अब डीज़ल बैन की वजह से इस फैसले पर संशय के बादल छा गए हैं। क्योंकि दिल्ली-एनसीआर लग्ज़री कारों के लिए बड़ा और महत्वपूर्ण बाजार है।

बैन लगने के बाद से मर्सिडीज़ की पॉपुलर डीज़ल कारों की बिक्री में गिरावट आई है। कुछ मर्सिडीज़ कारों को छोड़ दें तो ज्यादातर कारों की इंजन क्षमता 2,143 सीसी से ऊपर है। वहीं मुकाबले में मौजूद ऑडी और बीएमडब्ल्यू के पास कम इंजन क्षमता के विकल्प मौजूद हैं यही वजह है कि इन पर डीज़ल बैन का प्रभाव कम पड़ा है।

डीज़ल बैन से प्रभावित होने वाली मर्सिडीज़ अकेली कंपनी नही है। इसके अलावा टोयोटा भी बैन से जूझ रही है। टोयोटा ने हाल ही में बैन को लेकर तल्ख प्रतिक्रियाएं दी थी। दरअसल डीज़ल बैन की वजह से नई इनोवा क्रिस्टा दिल्ली-एनसीआर में बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं है।  

 
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