टाटा अल्ट्रोज सीएनजी : रिव्यू

Published On जून 15, 2023 By भानु for टाटा अल्ट्रोज़ 2020-2023

Tata Altroz CNG

टाटा अल्ट्रोज अब एक कम मेंटेनेंस वाली कार बन चुकी है क्योंकि अब मार्केट में इसका सीएनजी वर्जन आ चुका है। रेगुलर पेट्रोल मॉडल के मुकाबले आपको इसके सीएनजी मॉडल में कोई ज्यादा फर्क महसूस नहीं होगा। इसमें क्या कुछ है अलग ये आप जानेंगे आगेः

Tata Altroz CNG

टाटा ने आपके सामने एक बेसिक सीएनजी हैचबैक कार चुनने की चॉइस रखी है और साथ ही एक अच्छी सीएनजी कार की भी। अल्ट्रोज के लगभग हर वेरिएंट में आपको सीएनजी का ऑप्शन मिल जाएगा, जिसमें बेस वेरिएंट एक्सई और टॉप वेरिएंट एक्सजेड+ तक शामिल है। 

अल्ट्रोज में कंपनी ने कुछ नए फीचर्स भी दिए हैं। इसमें सनरूफ, वायरलेस चार्जर और एयर प्योरिफायर शामिल है। इसके अलावा आपको इसमें कुछ वॉइस कमांड भी मिल जाएंगे। हालांकि इसके सीएनजी वर्जन में कुछ फीचर्स की कमी भी है। इसमें आपको इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर के अंदर 7 इंच की स्क्रीन और क्रूज कंट्रोल का फीचर नहीं मिलेगा। हमारी नजर में वैसे भी ये बहुत ज्यादा काम के फीचर्स नहीं थे।

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टाटा अल्ट्रोज पेट्रोल मॉडल के मुकाबले इसके सीएनजी मॉडल की कीमत 1 लाख रुपये ज्यादा है। हालांकि जब पेट्रोल मॉडल में कुछ और नए फीचर्स दे दिए जाएंगे तो ये प्राइस गैप कम हो जाएगा।

फॉर्म और फंक्शन

Tata Altroz CNG

अल्ट्रोज को टाटा अल्फा एआरसी प्लेटफॉर्म पर तैयार किया गया है, जिसपर इसका इलेक्ट्रिक वर्जन और बायो फ्यूल वाले व्हीकल्स भी तैयार किए जा सकते हैं। इसमें काफी स्मार्ट तरीके से सीएनजी टैंक्स को बूट फ्लोर के अंदर रखा गया है। टाटा ने इसमें 60 लीटर के बजाए 30 लीटर के दो टैंक दिए हैं। 

टाटा का दावा है कि अल्ट्रोज सीएनजी में 210 लीटर का बूट स्पेस दिया गया है जो पेट्रोल वर्जन के मुकाबले 135 लीटर कम है। हालांकि ये फिर भी इस्तेमाल करने लायक है और इसमें मीडियम साइज के सूटकेस रखे जा सकते है। पार्सल ट्रे होने की वजह से आपको बैग्स को हॉरिजॉन्टली रखना पड़ेगा। सबसे अच्छी बात ये है कि आपको इसमें सीएनजी टैंक्स बिल्कुल नजर नहीं आएंगे। लिमिटेड बूट स्पेस मिलने के बावजूद आपको प्रैक्टिकैलिटी से और कोई समझौता नहीं करना पड़ेगा। 

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अर्टिगा और इनोवा कार की तरह स्पेयर व्हील को बंपर के पीछे लगाया गया है और केवल एक नट खोलकर आप इसे निकाल सकते हैं। 

जरूरत पड़ने पर आप अल्ट्रोज को सीधे सीएनजी मोड पर स्टार्ट करके ड्राइव कर सकते हैं। इसमें सीएनजी पर ड्राइव करने के लिए तीन इंडिकेटर्स दिए गए हैं जिनमें से पहला ग्रीन कलर में जलता है, दूसरा ‘सीएनजी मोड एक्टिवेटेड’ का मैसेज दिखाता है और तीसरा ऑरेन्ज कलर में सीएनजी इंडिकेटर के लिए है। इसमें आप बड़े आराम से कार को पेट्रोल से सीएनजी पर ला सकते हैं। इसके अलावा पेट्रोल या सीएनजी दोनों में से किसी की भी कमी होने पर ये कार ऑटोमैटिकली किसी पर भी स्विच हो जाती है। 

ये कार सीएनजी पर कैसे करती है काम इसे समझने के लिए आपको इसकी परफॉर्मेंस को पहले नजरअंदाज करना होगा। ये सिटी ड्राइविंग के हिसाब से तो काफी शानदार है और हाईवे पर भी आपको इसे ड्राइव करने में कोई परेशानी नहीं आएगी। सीएनजी सिलेंडर होने से अल्ट्रोज का वजन 110 किलोग्राम ज्यादा हो गया है जिससे आपको रेगुलर मॉडल के मुकाबले इसमें थोड़ी कम पावर और टॉर्क मिलती है। 

स्पेसिफिकेशन

पेट्रोल 

सीएनजी

पावर

88पीएस

73पीएस

टॉर्क

115एनएम

103.5एनएम

ऑन पेपर्स तो आपको इसकी परफॉर्मेंस में गैप ज्यादा नजर नहीं आएगा। यदि आप इसे ज्यादातर सिटी में ही ड्राइव कर रहे हैं तो आपको सीएनजी की कम कीमत का फायदा जरूर मिलेगा। इसका क्या रहेगा गणित ये देखिए आगेः

मान कर चलिए यदि अल्ट्रोज का पेट्रोल मॉडल 12 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देता है तो रियल वर्ल्ड में आपको सीएनजी मॉडल 15 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देगा। इस तरह से जो पेट्रोल मॉडल के मुकाबले सीएनजी मॉडल खरीदने के लिए जो आपने एक्सट्रा कीमत चुकाई है उसे आप इसे 50 किलोमीटर प्रति दिन ड्राइव करने के बाद डेढ़ साल में पूरी वसूल कर लेंगे और यदि आप इसे प्रतिदिन 70 किलोमीटर ड्राइव करते हैं तो ये कीमत 1 साल में वसूल हो जाएगी। 

ये काफी किफायती साबित होता दिखाई दे रहा है क्योंकि आपको एक सिटी कम्यूटर कार के तौर कोई ज्यादा समझौते नहीं करने पड़ रहे हैं। हालांकि आपको पेट्रोल और सीएनजी मोड के बीच अगर फर्क जानना है तो आपको हार्ड एक्सलरेशन करना पड़ेगा। हां, कभी कभी एक्सट्रा डाउशिफ्ट्स भी करने पड़ते हैं मगर ड्राइवेबिलिटी में आपको कोई कमी नजर नहीं आएगी। 

इस कार को 100 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा की स्पीड पकड़ने में काफी वक्त लगता है चौथे और पांचवे गियर पर ये स्पीड उतनी फुर्तिली नजर नहीं आती है। ओवरटेकिंग के लिए भी आपको प्लानिंग करनी पड़ती है और कभी कभी तो आपको ये काम करने के लिए कार को पेट्रोल मोड पर रखना पड़ता है। इसी तरह उंची चढ़ाई या ढलान पर आपको पहले डाउनशिफ्ट करने पड़ते हैं और ऐसा तब तक जब तक आपको अच्छा मोमेंटम नहीं मिल जाता। यहां भी आपको पेट्रोल की पावर की जरूरत पड़ती है। ये सभी चीजें पैसेंजर लोड ज्यादा होने पर महसूस होगी। 

हमेशा की तरह अल्ट्रोज एक अच्छी हाईवे क्रुजर और शार्प हैंडलर रही है। इसके ज्यादा वजन को हैंडल करने के लिए टाटा ने इसके सस्पेंशंस को अलग तरह से ट्यून किया है। इसकी राइड क्वालिटी में कोई बदलाव नहीं हुआ है और ये लगभग हर तरह के रास्तों पर आराम से ड्राइव की जा सकती है। 

क्यों खरीदे इसे?

टाटा अल्ट्रोज सीएनजी मॉडल को खरीदने की वजह साफ है। ये काफी सिटी फ्रैंडली कार है जहां लोअर फ्यूल कॉस्ट/हाई एफिशिएंसी आपको ज्यादा से ज्यादा सेविंग्स करने का मौका देगी। इससे आप हाईवे ट्रिप्स भी कर सकते हैं मगर आपको पावर की कमी महसूस हो सकती है। सबसे अच्छी बात ये है कि ये एक ऐसी सीएनजी कार है जिसके बूट स्पेस का भी आप इस्तेमाल कर सकते हैं। 

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