ऑफ-रोडिंग के मामले में भी कम नहीं है टाटा हैक्सा, खासियतें जानकर, रह जाएंगे हैरान
संशोधित: जनवरी 17, 2017 05:28 pm | tushar | टाटा हैक्सा 2016-2020
- 17 Views
- Write a कमेंट
टाटा मोटर्स की नई पेशकश हैक्सा लॉन्चिंग के लिए तैयार है। इसे बुधवार यानी 18 जनवरी को लॉन्च किया जाना है। वैसे तो बाज़ार में कई छोटी-बड़ी कारें हैं, जिनके नाम के साथ क्रॉसओवर जुड़ा है लेकिन हैक्सा हकीकत में एक क्रॉसओवर है, जो ऑफ-रोडिंग के मामले में अच्छी-अच्छी एसयूवी कारों को पछाड़ने का दम रखती है। इसका केबिन जहां प्रीमियम एमपीवी जैसा कंफर्ट देगा वहीं दमदार इंजन और फोर-व्हील ड्राइव सिस्टम इसे कैसे भी रास्तों से निकल जाने की काबिलियत देता है।
तो लॉन्च से पहले यहां हम चर्चा करेंगे टाटा हैक्सा से जुड़ी उन खासियतों की जो इसे एक अच्छी ऑफ-रोडर बनाती हैं...
सुपर ड्राइव मोड
टाटा हैक्सा में चार ड्राइव मोड, ऑटो, कंफर्ट, डायनामिक और रफ-रोड दिए गए हैं। हर मोड में कार का इंजन, ऑल व्हील ड्राइव सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी प्रोग्राम (ईएसपी) अलग तरह से प्रतिक्रिया देता है। बेहद खराब रास्तों के लिए रफ रोड मोड दिया गया है, इस मोड को सिलेक्ट करते ही इंजन ज्यादा लो एंड टॉर्क डिलिवर करता है, इस वजह से खराब रास्तों पर धीमी रफ्तार में कार आसानी से आगे बढ़ती है, फंसती नहीं है। इस मोड में कार का ब्रेकिंग सिस्टम भी अलग प्रतिक्रिया देगा।
ग्राउंड क्लीयरेंस
टाटा हैक्सा का ग्राउंड क्लीयरेंस 200 एमएम का है। आम भारतीय सड़कों और छोटे-मोटे गड्ढ़ों और टूटे हुए रास्तों के लिहाज़ से इसे अच्छा कहा जा सकता है। बेहतर ग्राउंड क्लीयरेंस के अलावा हैक्सा के नीचे की तरफ मैटल शीट लगी है, जो इंजन को नुकसान से बचाती है।
पानी से भरे रास्तों में चलने की क्षमता
टाटा हैक्सा को पानी से भरे रास्तों में चलाने पर भी कोई परेशानी नहीं आएगी। यह 450 एमएम तक गहराई वाले पानी भरे रास्तों पर चल सकती है, इसे वाटर-वैडिंग कैपेसिटी भी कहा जाता है। इस खासियत की वजह से हैक्सा छोटी नदियों को भी आसानी से पार कर सकती है। भारी मानसून में अगर आपके घर के सामने या शहर की सड़कें पानी में डूब जाती हैं तो भी आपको घबराने की जरूरत नहीं पड़ेगी, हैक्सा के साथ आप इन्हें आसानी से पार कर जाएंगे।
400 एनएम का टॉर्क
टाटा हैक्सा में 2.2 लीटर का इंजन दिया गया है। इसकी पावर 156 पीएस और टॉर्क 400 एनएम का है। यह इंजन 1700 आरपीएम से कम पर 400 एनएम का टॉर्क जनरेट करता है, इस कारण सीधी खड़ी चढ़ाई वाले रास्तों पर ड्राइविंग के दौरान पावर की कमी महसूस नहीं होगी। ज्यादा टॉर्क मिलने की वजह से कार में ज्यादा पैसेंजर होने पर भी इस की परफॉर्मेंस पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।
टेक्नोलॉजी
सड़क पर बेहतर कंट्रोल और पकड़ बनाए रखने के लिए टाटा हैक्सा में हिल-होल्ड कंट्रोल, हिल-डिसेंट कंट्रोल, ट्रेक्शन कंट्रोल और इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी प्रोग्राम (ईएसपी) के साथ रोल-ओवर मिटिगेशन दिया गया है। अगर आप हैक्सा को लेकर ऊंचाई की तरफ जा रहे हैं और आपको तुरंत कार रोकनी पड़ जाए तो हिल-होल्ड कंट्रोल फंक्शन तीन सेकंड तक कार को रोके रखेगा, इस दौरान आप ब्रेक से पैर हटाकर, गियरशिफ्ट कर कार को आगे बढ़ा सकते हैं। कुछ ऐसा ही मामला ट्रेक्शन कंट्रोल के साथ भी है, यह फिसलन भरे रास्तों पर पहियों को ज्यादा ग्रिप देता है, अगर एक पहिया स्लिप होता है तो सिस्टम बेहतर ग्रिप वाले टायर पर पावर सप्लाई करता है और कार बिना फंसे आगे निकलने लगती है।
तो थे टाटा हैक्सा के ऑफ-रोडिंग कैरेक्टर्स, जो जाहिर तौर पर हैरान करने वाले हैं, हालांकि यह महिन्द्रा की थार और फोर्स की गुरखा की तरह हार्डकोर ऑफ-रोडर व्हीकल तो नहीं है, लेकिन ऐसे लोग जो ऑफ-रोडिंग शौक के साथ-साथ बड़े परिवार की जरुरतें पूरी करने वाली बड़ी कार खरीदने की सोच रहे हैं उनके लिए हैक्सा एक बेहतर विकल्प है।
यह भी पढ़ें :
0 out ऑफ 0 found this helpful