चिप मैन्युफैक्चरिंग के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी देगी भारत सरकार
प्रकाशित: दिसंबर 28, 2021 12:23 pm । भानु
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हाल ही में सरकार ने सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के लिए 7600 करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया है। अब सरकार ने इस प्लान को लेकर डीटेल के साथ गाइडलाइन भी तैयार कर ली है।
भारत सरकार 28 नैनोमीटर चिप्स बनाने वाले प्लांट्स स्थापित करने वालों को उनके प्रोजेक्ट में खर्च होने वाली राशि का 50 प्रतिशत हिस्सा देकर वित्तिय सहायता देगी। वहीं 28 नैनोमीटर से लेकर 45 नैनोमीटर तक की चिप्स का प्रोडक्शन करने वालों को 40 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाएगा। जबकि 45 नैनोमीटर से लेकर 65 नैनोमीटर साइज की चिप्स तैयार करने वालों को 30 प्रतिशत तक की सब्सिडी मिलेगी। बता दें कि 1एनएम एक मीटर का एक अरबवाँ हिस्सा होता है।
ये चिप्स ट्रांजिस्टर से तैयार होती है। दो ट्रांजिस्टरों के बीच जितना गैप कम होगा उतनी ही छोटी चिप होगी। ऐसे में सरकार 28 एनएम चिप्स का निर्माण करने के लिए सबसे ज्यादा सब्सिडी दे रही है ताकि इनके निर्माण में तेजी आ सके। ये वे चिप्स हैं जिनका उपयोग आमतौर पर प्रोसेसिंग यूनिट्स, ग्राफिक प्रोसेसर, कनेक्टेड टेक्नोलॉजी और ऑटो सेक्टर में भी किया जाता है। कोरोना महामारी के कारण पूरी दुनिया में सेमी कंडक्टर चिप्स की कमी होने लगी थी जिसके बाद अब इसका प्रोडक्शन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। चिप्स की शॉर्टेज का असर हर इंडस्ट्री पर पड़ा है जिनमें ऑटो इंडस्ट्री भी शामिल है।
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सरकार द्वारा दी जाने वाली प्रोजेक्ट की कॉस्ट पर सब्सिडी के लिए कुछ नियम और शर्तें भी लागू की गई हैं। इसमें आवेदकों को न्यूनतम 20,000 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा। इसके अलावा उस कंपनी का इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग करने में पिछले तीन साल का अनुभव और 7500 करोड़ रुपये का टर्नओवर भी दिखाना होगा।
इस योजना को भारत सेमीकंडक्टर मिशन नामक एक नोडल एजेंसी के माध्यम से लागू किया जाएगा। इसे छह साल की अवधि के लिए हरी झंडी दी गई है, योजना के कार्यकाल को इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री की मंजूरी के आधार पर बढ़ाया भी जा सकता है।
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