कितना सही रहेगा टाटा टियागो खरीदने का फैसला, जानिये यहां

संशोधित: अप्रैल 14, 2016 06:14 pm | nabeel | टाटा टियागो 2015-2019

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टाटा मोटर्स ने अपनी नई हैचबैक टियागो को लॉन्च कर दिया गया है। इसकी शुरूआती कीमत 3.20 लाख रूपए रखी गई है। यह उम्मीद से करीब 50 हजार रूपए कम है। कार के दाम तो कम जरूर हैं लेकिन सिर्फ कीमत ही वो पैमाना नहीं है, जिससे तय होता हो कि कोई कार खरीदी जाए या न खरीदी जाए। कीमत के अलावा और भी कई चीजें होती हैं जिन पर ध्यान देना जरूरी होता है। टियागो के मामले में भी ऐसा ही है। तो यहां हम जानने की कोशिश करेंगे कि इसे खरीदने का फैसला कितना सही रहेगा ?  

सबसे पहले बात इंजन और स्पेसिफिकेशन की

इंजन
टाइप             पेट्रोल (रेवोट्राॅर्न)    डीज़ल (रेवोट्राॅर्क)
क्षमता  (सीसी)        1,119        1,047
पावर (बीएचपी)        84      69
टाॅर्क (एनएम)        114       140
गियरबाॅक्स       5-स्पीड मैनुअल 5-स्पीड मैनुअल
डायमेंशन
लम्बाई (एमएम)                       3746
चौड़ाई (एमएम)                  1647
ऊंचाई (एमएम)                  1535
व्हीलबेस (एमएम)                  2400
ग्राउण्ड क्लेरेंस (एमएम) 165 (13 इंच व्हील के साथ) 170 (14 इंच व्हील के साथ)
बूट स्पेस (लीटर में)                  242
टायर्स
एक्सबी, एक्सई, एक्सएम 155/80 आर13 स्टील व्हील
एक्सटी 175/65 आर14 स्टील व्हील
एक्सजेड 175/65 आर14 अलाॅय व्हील

ये थे टाटा टियागो से जुड़े आंकड़े। लेकिन कीमत की तरह अकेले इंजन के आंकड़े देखकर ही कार खरीदने का निर्णय नहीं लिया जा सकता। कार से जुड़ी दूसरी जानकारी भी लेना जरूरी है।

इंजन

टाटा टियागो पेट्रोल और डीज़ल दोनों इंजन ऑप्शन में उपलब्ध है। दोनों ही 3-सिलेंडर वाले इंजन हैं। यह सिटी ड्राइविंग के लिहाज से अच्छे हैं। इस सेगमेंट में केवल मारूति सेलेरियो और शेवरले बीट में ही पेट्रोल और डीज़ल इंजन का विकल्प मौजूद है।

मारूति सेलेरियो के पेट्रोल वर्जन में 1.0 लीटर का और डीज़ल वर्जन में 0.8 लीटर का इंजन है। जो क्रमशः 67 बीएचपी और 47 बीएचपी की पावर देते हैं। वहीं बीट के पेट्रोल वर्जन में 1.2 लीटर और डीज़ल में 1.0 लीटर का इंजन दिया गया है। जो क्रमशः 77 बीएचपी और 56 बीएचपी की ताकत देते हैं।

पावर के मामले में टाटा टियागो इन दोनों कारों पर भारी पड़ती है। सिटी राइडिंग में कार काफी फुर्तीली महसूस होती है। हाईवे के लिए भी यह ठीक-ठाक परफॉर्म करती है। वैसे तो 4-सिलेंडर इंजन की तुलना में 3-सिलेंडर इंजन ज्यादा वाइब्रेशन (कंपन) देता है। लेकिन टियागो में इंजन के शोर, वाइब्रेशन और हार्सनेस (एनवीएच) लेवल को कम से कम रखने में टाटा काफी हद तक सफल रही है। अगर आपको अच्छी, संतुलित और स्थिर ड्राइविंग का अहसास देने वाली कार चाहिये तो टाटा टियागो एक बेहतर विकल्प है।

कार की कद-काठी

बात करें टियागो की लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई कि तो लंबाई और चौड़ाई के मामले टियागो प्रतिद्वंदी कारों से आगे है। ऊंचाई के मामले में सेलेरियो आगे हो जाती है। टियागो में लैग रूम और शोल्डर स्पेस काफी अच्छा है, लेकिन सेलेरियो लंबे कद के यात्रियों के लिए थोड़ी ज्यादा आरामदायक है। कारों में मौजूद ओवरऑल स्पेस के मामले में टियागो सबसे बेहतर है। इसका बूट स्पेस भी काफी बड़ा है। अगर कार में जगह की बात करें तो टियागो आगे है और एक अच्छा पैकेज़ भी है।

फीचर्स

फीचर्स के मामले में टाटा ने टियागो में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। इसे एडवांस कनेक्टनेक्स्ट इंफोटेंमेंट सिस्टम, टर्न-बाय-टर्न नेविगेशन एप और ज्यूक कार एप जैसे फीचर्स से लैस किया गया है।

हारमन का कनेक्टनेक्स्ट इंफोटेनमेंट सिस्टम टाटा जेस्ट, बोल्ट और सफारी स्ट्रॉम में भी दिया गया है। यह ब्लूटूथ, यूएसबी और ऑक्स कनेक्टिविटी को सपोर्ट करता है। सिस्टम के साथ आठ स्पीकर्स लगे हुए हैं, जिनमें 4-स्पीकर्स और 4-ट्विटर्स शामिल हैं। कार में पीछे की तरफ पार्किंग सेंसर लगे हैं, जिनकी मदद से कार को आसानी से पार्क किया जा सकता है। यह फीचर्स इस सेगमेंट में पहली बार देखने को मिले हैं।    

इनके अलावा टर्न-बाय-टर्न नेविगेशन एप रास्तों की सटीक जानकारी देता है। इसे ब्लूटूथ की सहायता से स्मार्टफोन से कनेक्ट किया जाता है या फिर फोन से मैपमाईइंडिया विजिट करके भी देखा जा सकता है। इसके अलावा एक और खास फीचर है, वो है ज्यूक-कार एप। यह वाई-फाई हॉटस्पॉट की तरह काम करता है। इसकी मदद से एक साथ दस फोन को म्यूजिक सिस्टम से कनेक्ट कर सकते हैं। और हर फोन की प्ले-लिस्ट के गानों को बजा सकतें हैं। एक बार प्लेलिस्ट बनने के बाद मास्टर फोन को छोड़कर बाकी फोन को डिस्कनेक्ट करने पर भी प्ले-लिस्ट एक्टिव रहती है।

तो ये थे टाटा टियागो के ऐसे खास फीचर्स, जो इस सेगमेंट की दूसरी कारों में नहीं मिलेंगे।

टियागो का आकर्षक डिजायन, परफॉर्मेंस, स्पेस और फीचर्स निश्चित तौर पर इसे आकर्षक पैकेज़ बनाते हैं लेकिन कुछ ऐसे पॉइंट भी हैं जो टियागो खरीदने के विचार को बदल भी सकते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में...

1. ऑटोमैटिक गियरबॉक्स का न होना

टाटा टियागो में 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स दिया गया है। जबकि सलेरियो के पेट्रोल वेरिएंट में ऑटोमैटिक गियरबॉक्स का विकल्प भी मौजूद है। अगर आप शहर में आरामदायक ड्राइविंग चाहते हैं तो फिर सेलेरियो का ऑटोमैटिक वेरिएंट बेहतर विकल्प है।

2. इंजन का कम स्मूद होना

टियागो में तीन सिलेंडर वाले इंजन दिए गए हैं, जो 2 और 4-सिलेंडर वाले इंजन की तुलना में ज्यादा वाइब्रेशन पैदा करते हैं। इंजन के स्मूद और रिफाइमेंट होने के मामले में यह मारूति सेलेरियो और बीट से थोड़ा पिछड़ी हुई है। यहां सुधार की गुंजाइश बनती है।

तो यह थीं टियागो से जुड़ी कुछ अहम बातें। हमारे मुताबिक टियागो खरीदने के फैसले से पहले इन बातों को जान लेना आपके लिए बेहतर रहेगा।

यह भी पढ़ेंः टाटा टियागो का कौन सा वेरिएंट रहेगा बेहतर, जानें यहां

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