टेस्ला ने भारत सरकार से की इंपोर्ट ड्यूटी कम करने की मांग
प्रकाशित: जुलाई 27, 2021 06:51 pm । स्तुति
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- टेस्ला अपनी मॉडल 3 इलेक्ट्रिक सेडान को 2021 के अंत तक लॉन्च कर सकती है।
- यह भारत में इंपोर्ट करके बेची जाएगी।
- टेस्ला ईवी इम्पोर्ट के लिए टैरिफ को 40 प्रतिशत तक कम करने के लिए बातचीत कर रही है जिससे कार की प्राइस कम हो।
- मौजूदा इंपोर्ट ड्यूटी के अनुसार, टेस्ला मॉडल 3 पर 100 प्रतिशत टैक्स लगाया जा सकता है।
- मौजूदा टैक्स पॉलिसी की चर्चाओं से भारत में ब्रांड के प्रवेश में देरी की उम्मीद नहीं है।
भारत में प्रीमियम ईवी स्पेस में टेस्ला की एंट्री का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। यहां कंपनी की सबसे पहले लॉन्च होने वाली कार मॉडल 3 होगी जिसे इंपोर्ट करके बेचा जाएगा। हाल ही में जारी हुई एक रिपोर्ट से पता चला है कि टेस्ला भारतीय मंत्रालयों से संपर्क कर ईवी पर लग रहे इम्पोर्ट ड्यूटी में कमी की मांग कर रही है ताकी फाइनल कीमतों को कम किया जा सके और मांग को बढ़ाया जा सके।
टेस्ला यह मांग करने वाली पहली कार कंपनी ही नहीं है। इससे पहले भी कई लक्जरी कार कंपनियां भारत सरकार से इसी तरह की अपील कर चुकी हैं। नीति आयोग को लिखे एक पत्र के अनुसार टेस्ला ने इलेक्ट्रिक वाहनों के इम्पोर्ट पर फेडरल टैक्स को 40 प्रतिशत तक कम करने का सुझाव दिया है। वर्तमान में US$ 40,000 (29.79 लाख रुपए) से कम कीमत वाली कारों पर लगने वाले इम्पोर्ट टैक्स रेट 60 परसेंट है और इससे ज्यादा प्राइस वाली कारों पर लगने वाला टैक्स 100 प्रतिशत है। इस मामले पर नीति आयोग या टेस्ला द्वारा संपर्क किए गए मंत्रालयों की ओर से कोई आधिकारिक जवाब नहीं आया है।
रियूटर्स के हवाले से जानकारी मिली कि "भारत में यदि इम्पोर्ट ड्यूटी 40 प्रतिशत कर दी जाए तो इलेक्ट्रिक कारें अधिक सस्ती हो सकती हैं, मगर पिक अप्स फिर भी ज्यादा महंगे पड़ेंगे।
एंट्री लेवल टेस्ला मॉडल 3 स्टैंडर्ड रेंज प्लस कंपनी की एकमात्र कार है जिसकी प्राइस यूएस$ 40,000 (यूएस$ 39,990) से कम है, लेकिन यह ज्यादा टैक्स की वजह से इसे पार कर सकती है। यह कंपनी की भारत आने वाली पहली कार हो सकती है जिसकी कीमत मौजूदा टैक्स रेट के साथ 60 लाख रुपए के आसपास रखी जा सकती है।
कम टैक्स से कैसे फर्क पड़ेगा?
उदाहरण के तौर पर यदि टेस्ला मॉडल 3 पर 41,000 अमेरिकी डॉलर (30.53 लाख रुपये) की प्राइस के साथ 100 प्रतिशत टैक्स लगाया जाए तो भारत में इसकी कीमत लगभग 61 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) हो जाएगी। वहीं कंपनी द्वारा कम टैक्स से टेस्ला मॉडल 3 की एंट्री लेवल प्राइस 42 लाख रुपये तक हो सकती है।
टेस्ला के फाउंडर और सीईओ एलन मस्क ने ईवी लॉन्चिंग को लेकर एक ट्वीट में बताया कि ‘हम इसे लॉन्च करना चाहते हैं, लेकिन इम्पोर्ट ड्यूटी किसी भी बड़े देश के मुकाबले सबसे ज्यादा है! इसके अलावा क्लीन एनर्जी व्हीकल्स को डीजल या पेट्रोल के समान माना जाता है जो कि भारत के क्लाइमेट गोल्स के अनुरूप नहीं है।’
क्या भारत में टेस्ला की एंट्री होने में लगेगा समय?
भारत में टेस्ला मॉडल 3 का सीधा मुकाबला किसी से भी नहीं होगा। इसे प्रीमियम कॉम्पेक्ट इलेक्ट्रिक एसयूवीज हुंडई कोना व एमजी ज़ेडएस ईवी और लग्जरी इलेक्ट्रिक एसयूवी मर्सिडीज़ बेंज ईक्यूसी व ऑडी ई-ट्रॉन के बीच पोजिशन किया जाएगा। इसका बेस-लेवल मॉडल 400 किलोमीटर की रेंज तय करने में सक्षम होगा। इसमें रियर व्हील ड्राइव मोटर दी जाएगी। इसके यूएस वर्जन में एंट्री लेवल स्टैंडर्ड प्लस वेरिएंट में 15-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, फिक्सड ग्लास रूफ़, प्रीमियम अपहोल्स्ट्री और पावर एडजस्टेबल फ्रंट सीटें दी गई हैं।
टेस्ला जैसी कंपनी की यहां अफोर्डेबल कारें उतारना तब तक संभव नहीं है जब तक की सरकार इम्पोर्ट ड्यूटी कम ना कर दे। मगर ये चीज़ भारतीय कंपनियों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रही है। भारतीय कंपनियों की कारों का देश में ही प्रोडक्शन होने से उनकी कीमत कम रहती है।
क्या आपको लगता है भारत को जीरो इमिशन व्हीकल्स के लिए टैक्स पॉलिसी के बारे में फिर से सोचना चाहिए? इसके बारे में हमें कमेंट सेक्शन में लिखकर बताएं।
- टेस्ला अपनी मॉडल 3 इलेक्ट्रिक सेडान को 2021 के अंत तक लॉन्च कर सकती है।
- यह भारत में इंपोर्ट करके बेची जाएगी।
- टेस्ला ईवी इम्पोर्ट के लिए टैरिफ को 40 प्रतिशत तक कम करने के लिए बातचीत कर रही है जिससे कार की प्राइस कम हो।
- मौजूदा इंपोर्ट ड्यूटी के अनुसार, टेस्ला मॉडल 3 पर 100 प्रतिशत टैक्स लगाया जा सकता है।
- मौजूदा टैक्स पॉलिसी की चर्चाओं से भारत में ब्रांड के प्रवेश में देरी की उम्मीद नहीं है।
भारत में प्रीमियम ईवी स्पेस में टेस्ला की एंट्री का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। यहां कंपनी की सबसे पहले लॉन्च होने वाली कार मॉडल 3 होगी जिसे इंपोर्ट करके बेचा जाएगा। हाल ही में जारी हुई एक रिपोर्ट से पता चला है कि टेस्ला भारतीय मंत्रालयों से संपर्क कर ईवी पर लग रहे इम्पोर्ट ड्यूटी में कमी की मांग कर रही है ताकी फाइनल कीमतों को कम किया जा सके और मांग को बढ़ाया जा सके।
टेस्ला यह मांग करने वाली पहली कार कंपनी ही नहीं है। इससे पहले भी कई लक्जरी कार कंपनियां भारत सरकार से इसी तरह की अपील कर चुकी हैं। नीति आयोग को लिखे एक पत्र के अनुसार टेस्ला ने इलेक्ट्रिक वाहनों के इम्पोर्ट पर फेडरल टैक्स को 40 प्रतिशत तक कम करने का सुझाव दिया है। वर्तमान में US$ 40,000 (29.79 लाख रुपए) से कम कीमत वाली कारों पर लगने वाले इम्पोर्ट टैक्स रेट 60 परसेंट है और इससे ज्यादा प्राइस वाली कारों पर लगने वाला टैक्स 100 प्रतिशत है। इस मामले पर नीति आयोग या टेस्ला द्वारा संपर्क किए गए मंत्रालयों की ओर से कोई आधिकारिक जवाब नहीं आया है।
रियूटर्स के हवाले से जानकारी मिली कि "भारत में यदि इम्पोर्ट ड्यूटी 40 प्रतिशत कर दी जाए तो इलेक्ट्रिक कारें अधिक सस्ती हो सकती हैं, मगर पिक अप्स फिर भी ज्यादा महंगे पड़ेंगे।
एंट्री लेवल टेस्ला मॉडल 3 स्टैंडर्ड रेंज प्लस कंपनी की एकमात्र कार है जिसकी प्राइस यूएस$ 40,000 (यूएस$ 39,990) से कम है, लेकिन यह ज्यादा टैक्स की वजह से इसे पार कर सकती है। यह कंपनी की भारत आने वाली पहली कार हो सकती है जिसकी कीमत मौजूदा टैक्स रेट के साथ 60 लाख रुपए के आसपास रखी जा सकती है।
कम टैक्स से कैसे फर्क पड़ेगा?
उदाहरण के तौर पर यदि टेस्ला मॉडल 3 पर 41,000 अमेरिकी डॉलर (30.53 लाख रुपये) की प्राइस के साथ 100 प्रतिशत टैक्स लगाया जाए तो भारत में इसकी कीमत लगभग 61 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) हो जाएगी। वहीं कंपनी द्वारा कम टैक्स से टेस्ला मॉडल 3 की एंट्री लेवल प्राइस 42 लाख रुपये तक हो सकती है।
टेस्ला के फाउंडर और सीईओ एलन मस्क ने ईवी लॉन्चिंग को लेकर एक ट्वीट में बताया कि ‘हम इसे लॉन्च करना चाहते हैं, लेकिन इम्पोर्ट ड्यूटी किसी भी बड़े देश के मुकाबले सबसे ज्यादा है! इसके अलावा क्लीन एनर्जी व्हीकल्स को डीजल या पेट्रोल के समान माना जाता है जो कि भारत के क्लाइमेट गोल्स के अनुरूप नहीं है।’
क्या भारत में टेस्ला की एंट्री होने में लगेगा समय?
भारत में टेस्ला मॉडल 3 का सीधा मुकाबला किसी से भी नहीं होगा। इसे प्रीमियम कॉम्पेक्ट इलेक्ट्रिक एसयूवीज हुंडई कोना व एमजी ज़ेडएस ईवी और लग्जरी इलेक्ट्रिक एसयूवी मर्सिडीज़ बेंज ईक्यूसी व ऑडी ई-ट्रॉन के बीच पोजिशन किया जाएगा। इसका बेस-लेवल मॉडल 400 किलोमीटर की रेंज तय करने में सक्षम होगा। इसमें रियर व्हील ड्राइव मोटर दी जाएगी। इसके यूएस वर्जन में एंट्री लेवल स्टैंडर्ड प्लस वेरिएंट में 15-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, फिक्सड ग्लास रूफ़, प्रीमियम अपहोल्स्ट्री और पावर एडजस्टेबल फ्रंट सीटें दी गई हैं।
टेस्ला जैसी कंपनी की यहां अफोर्डेबल कारें उतारना तब तक संभव नहीं है जब तक की सरकार इम्पोर्ट ड्यूटी कम ना कर दे। मगर ये चीज़ भारतीय कंपनियों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रही है। भारतीय कंपनियों की कारों का देश में ही प्रोडक्शन होने से उनकी कीमत कम रहती है।
क्या आपको लगता है भारत को जीरो इमिशन व्हीकल्स के लिए टैक्स पॉलिसी के बारे में फिर से सोचना चाहिए? इसके बारे में हमें कमेंट सेक्शन में लिखकर बताएं।
- टेस्ला अपनी मॉडल 3 इलेक्ट्रिक सेडान को 2021 के अंत तक लॉन्च कर सकती है।
- यह भारत में इंपोर्ट करके बेची जाएगी।
- टेस्ला ईवी इम्पोर्ट के लिए टैरिफ को 40 प्रतिशत तक कम करने के लिए बातचीत कर रही है जिससे कार की प्राइस कम हो।
- मौजूदा इंपोर्ट ड्यूटी के अनुसार, टेस्ला मॉडल 3 पर 100 प्रतिशत टैक्स लगाया जा सकता है।
- मौजूदा टैक्स पॉलिसी की चर्चाओं से भारत में ब्रांड के प्रवेश में देरी की उम्मीद नहीं है।
भारत में प्रीमियम ईवी स्पेस में टेस्ला की एंट्री का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। यहां कंपनी की सबसे पहले लॉन्च होने वाली कार मॉडल 3 होगी जिसे इंपोर्ट करके बेचा जाएगा। हाल ही में जारी हुई एक रिपोर्ट से पता चला है कि टेस्ला भारतीय मंत्रालयों से संपर्क कर ईवी पर लग रहे इम्पोर्ट ड्यूटी में कमी की मांग कर रही है ताकी फाइनल कीमतों को कम किया जा सके और मांग को बढ़ाया जा सके।
टेस्ला यह मांग करने वाली पहली कार कंपनी ही नहीं है। इससे पहले भी कई लक्जरी कार कंपनियां भारत सरकार से इसी तरह की अपील कर चुकी हैं। नीति आयोग को लिखे एक पत्र के अनुसार टेस्ला ने इलेक्ट्रिक वाहनों के इम्पोर्ट पर फेडरल टैक्स को 40 प्रतिशत तक कम करने का सुझाव दिया है। वर्तमान में US$ 40,000 (29.79 लाख रुपए) से कम कीमत वाली कारों पर लगने वाले इम्पोर्ट टैक्स रेट 60 परसेंट है और इससे ज्यादा प्राइस वाली कारों पर लगने वाला टैक्स 100 प्रतिशत है। इस मामले पर नीति आयोग या टेस्ला द्वारा संपर्क किए गए मंत्रालयों की ओर से कोई आधिकारिक जवाब नहीं आया है।
रियूटर्स के हवाले से जानकारी मिली कि "भारत में यदि इम्पोर्ट ड्यूटी 40 प्रतिशत कर दी जाए तो इलेक्ट्रिक कारें अधिक सस्ती हो सकती हैं, मगर पिक अप्स फिर भी ज्यादा महंगे पड़ेंगे।
एंट्री लेवल टेस्ला मॉडल 3 स्टैंडर्ड रेंज प्लस कंपनी की एकमात्र कार है जिसकी प्राइस यूएस$ 40,000 (यूएस$ 39,990) से कम है, लेकिन यह ज्यादा टैक्स की वजह से इसे पार कर सकती है। यह कंपनी की भारत आने वाली पहली कार हो सकती है जिसकी कीमत मौजूदा टैक्स रेट के साथ 60 लाख रुपए के आसपास रखी जा सकती है।
कम टैक्स से कैसे फर्क पड़ेगा?
उदाहरण के तौर पर यदि टेस्ला मॉडल 3 पर 41,000 अमेरिकी डॉलर (30.53 लाख रुपये) की प्राइस के साथ 100 प्रतिशत टैक्स लगाया जाए तो भारत में इसकी कीमत लगभग 61 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) हो जाएगी। वहीं कंपनी द्वारा कम टैक्स से टेस्ला मॉडल 3 की एंट्री लेवल प्राइस 42 लाख रुपये तक हो सकती है।
टेस्ला के फाउंडर और सीईओ एलन मस्क ने ईवी लॉन्चिंग को लेकर एक ट्वीट में बताया कि ‘हम इसे लॉन्च करना चाहते हैं, लेकिन इम्पोर्ट ड्यूटी किसी भी बड़े देश के मुकाबले सबसे ज्यादा है! इसके अलावा क्लीन एनर्जी व्हीकल्स को डीजल या पेट्रोल के समान माना जाता है जो कि भारत के क्लाइमेट गोल्स के अनुरूप नहीं है।’
क्या भारत में टेस्ला की एंट्री होने में लगेगा समय?
भारत में टेस्ला मॉडल 3 का सीधा मुकाबला किसी से भी नहीं होगा। इसे प्रीमियम कॉम्पेक्ट इलेक्ट्रिक एसयूवीज हुंडई कोना व एमजी ज़ेडएस ईवी और लग्जरी इलेक्ट्रिक एसयूवी मर्सिडीज़ बेंज ईक्यूसी व ऑडी ई-ट्रॉन के बीच पोजिशन किया जाएगा। इसका बेस-लेवल मॉडल 400 किलोमीटर की रेंज तय करने में सक्षम होगा। इसमें रियर व्हील ड्राइव मोटर दी जाएगी। इसके यूएस वर्जन में एंट्री लेवल स्टैंडर्ड प्लस वेरिएंट में 15-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, फिक्सड ग्लास रूफ़, प्रीमियम अपहोल्स्ट्री और पावर एडजस्टेबल फ्रंट सीटें दी गई हैं।
टेस्ला जैसी कंपनी की यहां अफोर्डेबल कारें उतारना तब तक संभव नहीं है जब तक की सरकार इम्पोर्ट ड्यूटी कम ना कर दे। मगर ये चीज़ भारतीय कंपनियों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रही है। भारतीय कंपनियों की कारों का देश में ही प्रोडक्शन होने से उनकी कीमत कम रहती है।
क्या आपको लगता है भारत को जीरो इमिशन व्हीकल्स के लिए टैक्स पॉलिसी के बारे में फिर से सोचना चाहिए? इसके बारे में हमें कमेंट सेक्शन में लिखकर बताएं।
- टेस्ला अपनी मॉडल 3 इलेक्ट्रिक सेडान को 2021 के अंत तक लॉन्च कर सकती है।
- यह भारत में इंपोर्ट करके बेची जाएगी।
- टेस्ला ईवी इम्पोर्ट के लिए टैरिफ को 40 प्रतिशत तक कम करने के लिए बातचीत कर रही है जिससे कार की प्राइस कम हो।
- मौजूदा इंपोर्ट ड्यूटी के अनुसार, टेस्ला मॉडल 3 पर 100 प्रतिशत टैक्स लगाया जा सकता है।
- मौजूदा टैक्स पॉलिसी की चर्चाओं से भारत में ब्रांड के प्रवेश में देरी की उम्मीद नहीं है।
भारत में प्रीमियम ईवी स्पेस में टेस्ला की एंट्री का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। यहां कंपनी की सबसे पहले लॉन्च होने वाली कार मॉडल 3 होगी जिसे इंपोर्ट करके बेचा जाएगा। हाल ही में जारी हुई एक रिपोर्ट से पता चला है कि टेस्ला भारतीय मंत्रालयों से संपर्क कर ईवी पर लग रहे इम्पोर्ट ड्यूटी में कमी की मांग कर रही है ताकी फाइनल कीमतों को कम किया जा सके और मांग को बढ़ाया जा सके।
टेस्ला यह मांग करने वाली पहली कार कंपनी ही नहीं है। इससे पहले भी कई लक्जरी कार कंपनियां भारत सरकार से इसी तरह की अपील कर चुकी हैं। नीति आयोग को लिखे एक पत्र के अनुसार टेस्ला ने इलेक्ट्रिक वाहनों के इम्पोर्ट पर फेडरल टैक्स को 40 प्रतिशत तक कम करने का सुझाव दिया है। वर्तमान में US$ 40,000 (29.79 लाख रुपए) से कम कीमत वाली कारों पर लगने वाले इम्पोर्ट टैक्स रेट 60 परसेंट है और इससे ज्यादा प्राइस वाली कारों पर लगने वाला टैक्स 100 प्रतिशत है। इस मामले पर नीति आयोग या टेस्ला द्वारा संपर्क किए गए मंत्रालयों की ओर से कोई आधिकारिक जवाब नहीं आया है।
रियूटर्स के हवाले से जानकारी मिली कि "भारत में यदि इम्पोर्ट ड्यूटी 40 प्रतिशत कर दी जाए तो इलेक्ट्रिक कारें अधिक सस्ती हो सकती हैं, मगर पिक अप्स फिर भी ज्यादा महंगे पड़ेंगे।
एंट्री लेवल टेस्ला मॉडल 3 स्टैंडर्ड रेंज प्लस कंपनी की एकमात्र कार है जिसकी प्राइस यूएस$ 40,000 (यूएस$ 39,990) से कम है, लेकिन यह ज्यादा टैक्स की वजह से इसे पार कर सकती है। यह कंपनी की भारत आने वाली पहली कार हो सकती है जिसकी कीमत मौजूदा टैक्स रेट के साथ 60 लाख रुपए के आसपास रखी जा सकती है।
कम टैक्स से कैसे फर्क पड़ेगा?
उदाहरण के तौर पर यदि टेस्ला मॉडल 3 पर 41,000 अमेरिकी डॉलर (30.53 लाख रुपये) की प्राइस के साथ 100 प्रतिशत टैक्स लगाया जाए तो भारत में इसकी कीमत लगभग 61 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) हो जाएगी। वहीं कंपनी द्वारा कम टैक्स से टेस्ला मॉडल 3 की एंट्री लेवल प्राइस 42 लाख रुपये तक हो सकती है।
टेस्ला के फाउंडर और सीईओ एलन मस्क ने ईवी लॉन्चिंग को लेकर एक ट्वीट में बताया कि ‘हम इसे लॉन्च करना चाहते हैं, लेकिन इम्पोर्ट ड्यूटी किसी भी बड़े देश के मुकाबले सबसे ज्यादा है! इसके अलावा क्लीन एनर्जी व्हीकल्स को डीजल या पेट्रोल के समान माना जाता है जो कि भारत के क्लाइमेट गोल्स के अनुरूप नहीं है।’
क्या भारत में टेस्ला की एंट्री होने में लगेगा समय?
भारत में टेस्ला मॉडल 3 का सीधा मुकाबला किसी से भी नहीं होगा। इसे प्रीमियम कॉम्पेक्ट इलेक्ट्रिक एसयूवीज हुंडई कोना व एमजी ज़ेडएस ईवी और लग्जरी इलेक्ट्रिक एसयूवी मर्सिडीज़ बेंज ईक्यूसी व ऑडी ई-ट्रॉन के बीच पोजिशन किया जाएगा। इसका बेस-लेवल मॉडल 400 किलोमीटर की रेंज तय करने में सक्षम होगा। इसमें रियर व्हील ड्राइव मोटर दी जाएगी। इसके यूएस वर्जन में एंट्री लेवल स्टैंडर्ड प्लस वेरिएंट में 15-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, फिक्सड ग्लास रूफ़, प्रीमियम अपहोल्स्ट्री और पावर एडजस्टेबल फ्रंट सीटें दी गई हैं।
टेस्ला जैसी कंपनी की यहां अफोर्डेबल कारें उतारना तब तक संभव नहीं है जब तक की सरकार इम्पोर्ट ड्यूटी कम ना कर दे। मगर ये चीज़ भारतीय कंपनियों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रही है। भारतीय कंपनियों की कारों का देश में ही प्रोडक्शन होने से उनकी कीमत कम रहती है।
क्या आपको लगता है भारत को जीरो इमिशन व्हीकल्स के लिए टैक्स पॉलिसी के बारे में फिर से सोचना चाहिए? इसके बारे में हमें कमेंट सेक्शन में लिखकर बताएं।